मेरी आँखें हैं माँ जैसी
हाथ पिता जैसे
चेहरा-मोहरा मिलता होगा जरूर
कुटुंब के किसी आदमी से
हो सकता है मिलता हो दुनिया के पहले आदमी से
मेरे उठने बैठने का ढंग
बोलने-बतियाने में हो उन्हीं में से किसी एक का रंग
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